Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: Small premium, big protection

शुष्क एवं अति शुष्क क्षेत्रो मे कृषि करना किसानो के लिए बड़ा ही जोखिम भरा कार्य है। राज्य मे इस समय किसान खरीफ फसलों जैसे मूंग, बाजरा, तिल, ग्वार इत्यादि की बुवाई कर रहे है। कई किसानो ने क्षेत्र मे बारिश के अनुसार पहले ही बुवाई कर चुके है। इन क्षेत्रो मे प्राकृतिक आपदाओ जैसे कि सूखा पड़ना, बारिश मे अनिश्चितता, आँधी, तूफान, ओले पड़ना आदि से अधिक सामना करना पड़ता है।

राज्य के किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा काफी सारी योजनाएं चलायी जा रही है। फसल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की गई है ।  इस योजना का उदेशय वर्षा प्रभावित क्षेत्रो मे किसानो की आय सुनिश्चित रखने के साथ साथ आधुनिक कृषि प्रणाली के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।

इस योजना के अंतर्गत किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में होने वाली बर्बादी पर बीमा कवर प्रदान किया जाता है जिसके द्वारा किसानो को होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई हो जाती है । इस योजना मे खरीफ फसलों के बीमा आवेदन किसान 31 जुलाई तक कर सकते है । 

क्या रहता है प्रीमियम

अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 8800 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को खरीफ फसल का 2% और रबी फसल का 1.5% भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा जिस पर उन्हें बीमा प्रदान किया जाएगा।

फसल का प्रीमियम फसल के प्रकार, जिले एवं क्षेत्र के अनुसार अलग अलग रहता है । अतिरिक्त प्रीमियम की राशि राज्य एवं भारत सरकार द्वारा वहन की जाती है। आवेदन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।

कोनसा नुकसान है शामिल

इस योजना के अंतर्गत फसल की बुवाई लेकर कटाई के बाद तक का पूरा समय शामिल किया गया है। जैसे असफल बुवाई, रोपण नष्ट, अंकुरण नष्ट, कीट व बीमारी से फसल खराब प्राकर्तिक आग एवं बिजली, भूस्खलन, ओलावर्ष्टि, आँधी, चक्रवात एवं जलभराव से फसल खराब।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बुवाई और फसल के बीच होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान भी शामिल किया गया है। 

महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं आवेदन प्रक्रिया

किसान का स्वयं घोषणा पत्र, आधार कार्ड, पटवारी दावरा सत्यापित नवीनतम जमाबंदी की नकल, बैंक खाते की पासबूक की आवश्यकता होती है। इसका आवेदन किसान नजदीकी ईमित्र सेंटर अथवा इसकी आधिकारिक वेब साइट पर जाकर स्वयं कर सकता है ।

क्षति का आकलन एवं नुकसान की भरपाई

फसल खराब होने पर 72 घंटे के भीतर कृषक द्वारा जिला प्रशासन/ राजस्व विभाग / कृषि विभाग के टोल फ्री नंबर पर सूचना देना आनिवार्य होगा । फसल कटाई के उपरांत खेत मे 14 दिवस भीतर यदि किसी आपदा से फसल खराब हो जाती है, तो उसका भी बीमा दावा दिया जाएगा।

प्राकृतिक आपदयो से फसल खराब होने पर बीमित किसानो को व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति का प्रावधान है इसमे प्रभावित खेत का सर्वे करने के पश्चात बीमा दावा दिया जाएगा ।

फसल खराब होने पर कहा करनी शिकायत

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसल को कुदरती आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए आरंभ की गई है। इस समय देश में कहीं भारी बारिश हो रही है तो कहीं सूखा पड़ा है। जिससे की फसल को काफी भारी नुकसान पहुंच रहा है।

यदि फसल को कोई नुकसान होता है तो 72 घंटे में शिकायत स्थानीय कृषि कार्यालय किसान हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करानी होगी। इसके अलावा यह शिकायत क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर भी दर्ज कराई जा सकती है। यदि आपको इस बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप हेल्पलाइन नंबर वन 18001801551 व 18002005142 पर संपर्क कर सकते हैं।


Authors

डॉ राम निवास1, डॉ चारू शर्मा2 और डॉ  के जी व्यास3

विषय विशेषज्ञ1 (पशुपालन), विषय विशेषज्ञ2 (गृह विज्ञानं प्रसार शिक्षा) और विषय विशेषज्ञ3 (शस्य विज्ञान),

कृषि विज्ञान केन्द्र (स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ) पोकरण - 345021 (जैसलमेर)

Corresponding author email- This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.

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