गेलार्डीया की उन्नत खेती 

मानव जीवन में फूलो का जो महत्व है, वो किसी से भी छिपा हुआ नहीं है | मानव जीवन की शुरुआत फूलो के साथ होती है, मानव फूलो के साथ रहता है तथा मरता भी फूलो के साथ ही है | मानव जीवन में फूलो का उपयोग कई रूपों में किया जाता है | फूलो के उपयोग धार्मिक रीती रिवाजो में घर आँगन को सजाने में तथा मानव शरीर को सजाने के लिए भी किया जाता है |

भारत में फूलो की खेती की अपार संभावनाएं है ऐसे में यदी किसान भाई अन्य फसलों के साथ साथ फूलो को भी उगाते है तो किसानो को अधिक मुनाफा हो सकता है | गेलार्डिया मौसमी पुष्पों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है |

गेलार्डिया को शर्दी, बरसात तथा गर्मी तीनो ही मौसम में आसानी से उगाया जा सकता है | गेलार्डिया की बुवाई फरवरी-मार्च में करने पर फूल गर्मियों में, मई-जून में बुवाई करने पर फूल बरसात में तथा सितम्बर-अक्टुम्बर में बुवाई करने पर शर्दियो में फूल प्राप्त कर सकते है |

जलवायु एवं भूमि

गेलार्डिया को खुले आसमान के नीचे अच्छे से उगाया जा सकता है | गेलार्डिया से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अच्छी धुप, तथा वायु संचार होना चाहिए | गेलार्डिया के लिए गहरी मृदा अच्छी होती है, तथा साथ साथ भूमि की जल धारण क्षमता भी अच्छी होनी चाहिए | गेलार्डिया की अच्छी पैदावार के लिए 6.0 से 8.0 पीएच् मान वाली भूमि अच्छी मानी गई है |  

गेलार्डिया की मुख्य प्रजातिया

गेलार्डिया में मुख्य रूप से 2 जातिया उगाई जाती है |

गेलार्डिया पिक्टा  : गेलार्डिया पिक्टा में बड़े आकार के पुष्प आते है |

गेलार्डिया लोरेंजियना: गेलार्डिया लोरेंजियना प्रजाति में फूल पंखुड़ियों वाले, विखंडित कोरो तथा एक ही पुष्प में कई रंगो के साथ डबल प्रकार के पुष्प पाए जाते है |

गेलार्डिया की प्रमुख किस्मे:  सनशाइन, स्ट्रोन, गेटी डबल मिक्सड, ट्रेटा फिस्टा,

बीज की बुवाई एवं मात्रा

गेलार्डिया में फूल बीजो की बुवाई के बाद करीब तीन से चार महीने में फूल आने लग जाते है | पौध की आवश्यकता अनुसार बीज की मात्रा लेकर बुवाई करनी चाहिए | गेलार्डिया के बीजो को नर्सरी की क्यारियों में, लकड़ी के खोखो में, या प्रो-ट्रे में बोया जा सकता है |

गेलार्डिया के बीजो को बोन से पहले एक बात का खास ख्याल रखना चाहिए की बीजो को फफूंदीनाशक से उपचारित कर ले | फफूंदीनाशक के रूप में केप्टान या थाइराम का उपयोग कर सकते है | बीजो की बुवाई के बाद करीब 4 से 6 सप्ताह बाद पौध खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है गेलार्डिया को एक हेक्टेयर में उगाने के लिए 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है |  

गेलार्डिया की पौध कैसे तैयार करे

गेलार्डिया की पौध तैयार करने के लिए सबसे पहले उचित भूमि का चुनाव करे तथा उस के बाद क्यारिया तैयार करे, क्यारिया भूमि से करीब 10 से 15 सैमी ऊपर बनानी चाहिए ताकी अतिरिक्त जमा पानी आसानी से बाहर निकल जाए | गेलार्डिया के एक हेक्टेयर की पौध तैयार करने के लिए 150 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली नर्सरी पर्याप्त रहती है | पौध के लिए क्यारिया 3 मीटर लम्बी एक मीटर चौड़ी तथा 10 से 15 सैमी उची तैयार करनी चाहिए |

जब क्यारिया बन कर तैयार हो जाए तब प्रत्येक क्यारी में 30 किलोग्राम वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद मिलाए | क्यारियों में खाद को अच्छे से मिलाने के बाद सिंचाई कर दे ताकि खरपतवार का अंकुरण फसल से पहले होने पर आसानी से हटाया जा सके | गेलार्डिया को खुला प्रकाश ओर वायु की आवश्यकता होती है, इस लिए प्रकाश और वायु की कोई कमी नहीं हो इस लिए गेलार्डिया की पौध हमेशा खुले में तैयार करनी चाहिए |

पौधो को कवक के प्रकोप से बचाने के लिए क्यारियों को कवकनाशी से उपचारित करना चाहिए, इसके लिए 2 ग्राम बाविस्टिन को 1 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करे | क्यारियों को उपचारित करने के बाद बीजो की बुवाई करनी चाहिए | बीजो की बुवाई करते समय एक बीज से दूसरे बीज की दुरी 3 सैमी तथा एक कतार से दूसरी कतार के बीच की दुरी 5 सैमी रखनी चाहिए, तथा बीजो को 2 सैमी से ज्यादा गहराई में नहीं बोना चाहिए |

बीजो की बुवाई के बाद लगभग 5 से 7 दिन में बीजो का अंकुरण शुरू हो जाता है |  पौधो को कीटो के प्रकोप से बचाने के लिए रोगोर 2 मिली लीटर एक लीटर पानी में या इमिडाक्लोप्रिड 5 मिली लीटर एक लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए |

जब पौध की उम्र 3 से 4 सप्ताह हो जाए या पौधो में 4 से 5 पत्तिया आने पर पौधो को खेत में स्थानांतरित कर देना चाहिए | पौधो का खेत में रोपण हमेशा शाम के समय ही करना चाहिए तथा रोपण के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए |

गेलार्डिया के लिए खेत की तैयारी

गेलार्डिया के लिए खेत को तैयार करने के लिए 3 से 4 जुताई करने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए | आखरी जुताई के समय खेत में 10 से 12 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अच्छे से मिला देनी चाहिए | इसके बाद सिंचाई की सुविधानुसार खेत में क्यारिया बनानी चाहिए |

गेलार्डिया पौध की रोपाई

गेलार्डिया पौध की रोपाई तैयार क्यारियों में पौधे से पौधे के बीच 45 सैमी एवं कतार से कतार के बीच 60 सैमी की दुरी रखकर करनी चाहिए |

सिंचाई एवं उर्वरक

गेलार्डिया में भरपूर पुष्प उत्पादन के लिए सही समय पर सिंचाई करना तथा सही समय पर सही मात्रा में उर्वरक देना बहुत जरूरी होता है | गेलार्डिया में अच्छे उत्पादन के लिए 200 किलोग्राम यूरिया, 400 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट तथा 100 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए |

यूरिया की आधी मात्रा , एवं गोबर की खाद, फॉस्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा रोपाई से पहले खेत की जुताई के समय खेत में अच्छे से मिलानी चाहिए | इसके बाद शेष बची यूरिया की मात्रा को 45 दिन बाद खड़ी फसल में देना चाहिए तथा यूरिया देने के बाद सिंचाई अवश्य करनी चाहिए |

निराई- गुड़ाई 

फसल से खरपतवारो को निकालने के लिए फसल अवधि के दोहरान 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई करनी चाहिए, तथा खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए | निराई -गुड़ाई करते पौधो के जड़ क्षेत्र में मिट्टी चढ़ाना नहीं भूले, इससे पौधे को खड़ा रहने के लिए सहारा मिलता है |

गेलार्डिया में जड़ गलन व्याधि

जड़ गलन से प्रभावित पौधो में पौधो की जड़े सड़ जाती है, तथा पौधा मर जाता है | पौधो को जड़ गलन रोग से बचाने के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में केप्टान मिलाकर भूमि को उपचारित करना चाहिए |

फूलो की तुड़ाई एवं उपज

गेलार्डिया के पौधो की रोपाई के बाद करीब 3 से 4 महीने बाद फूल आने प्रारम्भ हो जाते है | फूलो को सही समय पर तोडना बहुत जरूरी होता है | पौधो में लम्बे समय तक फूल बने इस के लिए फूलो की तुड़ाई हर चौथे दिन करनी चाहिए | हमेशा पूर्ण रूप से तैयार फूलो को ही तोड़े तथा फूलो के डोडो को पौधो पर कभी नहीं छोड़े | गेलार्डिया में प्रति हेक्टेयर से लगभग 100 से 150 क्विंटल फूलो का उत्पादन होता है |

 


Authors:

हीरा लाल अटल एवं कुनाल देबरमा

बिधान चंद्र कृषि विशवविधालय, मोहनपुर (पश्चिम बंगाल) 741252

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