Solar Energy Based Irrigation System: A Modern Technique

कृषि कायों में लगातार यांत्रिक उपकरणो के उपयोग से खेती मे उर्जा की खपत बढती जा रही है फलस्वरूप कृृषि लागत भी वढ रही है। खेती में विभिन्न प्रकार के कृषि कार्यों के लिए विद्युत उर्जा का उपयोग होता है।  उर्जा की बढती कीमत में भी खेती को लाभदायक बनाने के लिए सस्ती वैकल्पिक उर्जा श्रोत की आवश्यकता है जिसे आजकल सौर ऊर्जा के द्वारा पूरा किया जा रहा है 

सौर यंत्र एक ऐसा यंत्र है जो सूर्य की तेज किरणों को अवशोषित करके विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है जिससे विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र चलाए जाते हैं। इससे न केवल विद्युत व विद्युत बिल की बचत होती है बल्कि यह किसानों के लिए भी बहुत सुरक्षित मानी जाती है साथ ही साथ पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करती है।

आधुनिक समय में कृषि में इस तरह  के नवीनीकरण ऊर्जा का प्रयोग बहुतायत में किया जाता है किसान अपने प्रक्षेत्र पर ही इस प्रकार के पैनल को लगाते हैं तथा सूर्य के तेज प्रकाश को सौर ऊर्जा मैं परिवर्तित कर कृषि कार्य में प्रयोग करते हैं। इस तरह विद्युत की बचत करने से किसानों की अपनी कुल आय में अतिरिक्त आय का इजाफा हो जाता है क्योंकि विद्युत में आने वाले बिल की बचत होती है।

आजकल सौर ऊर्जा से कृषि में सिंचाई प्रचलन बहुतायत में हो रहा है विशेष रुप से शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में यह पद्धति बहुत ही विकसित हो रही है क्योंकि जब सूर्य का प्रकाश बहुत तेज होता है वहां पर बहुत अधिक गर्मी होने से सिंचाई की भी बहुत आवश्यकता होती है इसके लिए अधिक सौर ऊर्जा की भी खपत होती हैं।

सौर सिंचाई पद्धति कैसे कार्य करता है

इसमें जो पंप पानी को उठाता है उसका संबंध सीधे सोलर सेल्स से कर दिया जाता है इस प्रकार सूर्य की तेज किरणें जब इस सेल्स पर पड़ती है तो यह उन किरणों से आने वाली ऊर्जा को अवशोषित करके विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है जो विद्युत मोटर के संचालन मैं प्रयुक्त होती है जिससे मोटर चलने लगती है तथा पंप पानी को तेज गति से उठाता है।

हालांकि सौर ऊर्जा का सिद्धांत लगभग डीजल इंजन या विद्युत पर आधारित ऊर्जा से ही है परंतु यह दोनों ही विधियां सौर ऊर्जा की अपेक्षा अधिक महंगी होती हैं तथा इनके डिसएडवांटेज भी तुलनात्मक अधिक होते हैं।

इसके साथ-साथ यह भी देखा गया है कि विकासशील देशों में विद्युत ऊर्जा किसानों के लिए सदैव लाभदायक नहीं रहती है क्योंकि गांव में पावर ग्रिड लगाने से कभी कभी समय पर विद्युत के न आने से या अन्य तकनीकी खराबीयों से समय पर कृषि क्रियाएं बाधित होती हैं इसीलिए अब यह आवश्यक हो चला है कि किसान परंपरागत साधनों की अपेक्षा नवीनीकरण साधनों को अपनाएं।

Sources: Solar Powered Irrigation System (electronicforu.com)

सौर ऊर्जा पंप ही क्यों

हालांकि डीजल पंप सौर ऊर्जा पंप की अपेक्षा अधिक सक्षम होते हैं परंतु इसमें एक मुख्य बाधा तेल की उपलब्धता होती है जोकि पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी उत्तरदाई होती है डीजल के द्वारा चलने वाले पंप बहुत सस्ते होते हैं लेकिन इनके संचालन में काफी खर्चा आ जाता है और दूसरी और आधुनिक समय में डीजल तेल के मूल्य में भी लगातार वृद्धि होने से यह काफी महंगी पद्धति साबित होती जा रही है वही सौर ऊर्जा पर आधारित पंप बहुत ही सुविधाजनक है हालांकि यह डीजल पंप की अपेक्षा अधिक महंगी पद्धति है लेकिन इसमें ऊर्जा बिल्कुल मुफ्त होती है तथा यह पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है और इसमें एक बार पैसा लगाने से यह लंबे समय तक कार्यशील भी रहती है अतः इन सभी कारणों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सौर ऊर्जा पर आधारित सिंचाई पद्धति बहुत ही अच्छी मानी जाती है।


Authors

1डॉ. हरेंद्र, 2डॉ. राघवेंद्र सिंह एवं 3डॉ. स्नेहा सिंह

1असिस्टेंट प्रोफेसर (हॉर्टिकल्चर), 2 असिस्टेंट प्रोफेसर (एग्रोनोमी)

स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर मध्य प्रदेश

3 असिस्टेंट प्रोफेसर (फल विज्ञान विभाग)

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज,  अयोध्या, उत्तरप्रदेश

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